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The mirror

एक  बार की बात है किसी गाँव मे एक किसान रहता था !

वह किसान बहुत ही क्रोधित प्रवृत्ति का था 

उसे एक दिन सपना आया कि उसके गांव के निकट वाले जंगल मे ख़ज़ाना है 

उसको लालच आ गया और वो खजाने कि तलाश मे रोज़ जंगल में घूमने लगा 

और एक दिन वो जंगल मे  दूर तक चला गया 

काफी दूर तक  जाने के  बाद वहां पर उसने  देखा कि एक आदमीं सोने की टोपी लगा कर रो राहा है 

उसको सोने की टोपी देख कर लालच आ गया 

उसने वो सोने की टोपी उस आदमी से छीन ली  और खुद लगा ली 

सोने की टोपी लगते ही उसके उपेर बारिष होना शुरू हो गयी 

बारिष  सिर्फ उसपर हि हो रही थि बस 

उस किसान ने उस आदमी से पूछा ये क्यों हो रहा है 

इतने मे वो आदमीं रोना छोडकर चुप हो गया और बतया कि " आपने लालच से ये टोपी ले लि है और ये साधारण सोने की टोपी नहि है बल्कि एक शाप है , अब में इस शाप से मुक्त्त हो गया हु  और ये आप पे लग ग्या है अगर  आप इससे मुक्त होना चाहते है तो अभी इस टोपी को उत्तार दो 

किसान ने मना कर दिया और अपने घर आ गया 

अगले दिन जब वो उठा तब भि उसके उपेर बारिष हुऐ जा रहीं थी 

इसी तरह काफी दिन बीत गये पर बारिश नही रूखी 

अब वो किसान काफी परेशान होने लगा 

उसने उस टोपी को उतरने कि काफी कोशिश की पर ना तो वो तोपि उसके सिर से उतरीं ओर ना ही बारीश बन्द हुए 

इसी तरह काफी दिन बीत गये और वो ओर अमीर होने लगा 

 पर  धीरे धीरे वो किसान बूढ़ा होने लगा 









चरित्र : चेहरा 1(प्रेम और करुणा का प्रतिक) , चेहरा 2 ( क्रोध और आक्रामकता का प्रतिक ) और हैरी 
कहानी का बैकग्राउंड  (एक सितारों वाला अँधेरा, जैसा की उपर तस्वीर मे दिखाया गया है )
चेहरा 1 और चेहरा 2, हैरी का स्वागत करते है 
चेहरा 1 और चेहरा 2 =  "तुम्हारा सितारों की दुनिया मे स्वागत है"

 हैरी = "अच्छा पर मै यहाँ पर कैसे आ गया हूँ ?"

चेहरा 1 = "मेरा नाम ____ है और मैं प्रेम और करुणा का प्रतिक हूँ"

चेहरा 2 = " और मै ____ हूँ , क्रोध और आक्रामकता का प्रतिक"

दोनों (चेहरा 1 और चेहरा 2) = " हमारी दुनिया मे आपका स्वागत है,  हम दोनों मे हमेशा वार्तालाप चलता रहता है, हम दोनों कुछ भी करने मे  शक्षम है पर हम तब तक फैसला नहीं लेते जब तब सम्बंधित विषय पर एक साथ सहमत ना हो  " 

हैरी = धन्यवाद् पर मै अभी यहाँ से जाना चाहता हूँ ।

 चेहरा 2 = देखो तुमने अपनी धरती / पृथ्वी का क्या हाल किया है 

चेहरा 1 रोने लगता है । हैरी देखता है की  दुनिया ख़तम सी हो रही है ऐसा लग रहा है की धरती/पृथ्वी  जल चुकी है और सारे महासागर सुख चुके है,

हैरी =  ऐसा मत होने दो सारे लोग मारे जायेंगे , कुछ करो, तुम तो कुछ भी कर सकते हो  !

चेहरा 1 = "मैं तुम्हारी बात से सहमत हूँ "

चेहरा 2 = " नहीं ,पर पहले 100,000 करोड़ पहेले से मोजूद विषय का समाधान कर ले "

हैरी = "इसमे तो हज़ार साल लग जायेंगे "


चेहरा 1 = "मैं तुम्हारी बात से सहमत हूँ "

चेहरा 2 = " नहीं ,हम इस पर बात कर चुके है, पहले 100,000 करोड़ मोजूद विषय फिर तुम्हारी दुनिया के बारे मे सोचा जायेगा "

हैरी = " नहीं !तुम ऐसा कैसे होने दे सकते हो ,  अगर तुम  क्रोध और आक्रामकता का प्रतिक हो तो तुम्हे अपना  क्रोध का प्रयोग बुरे लोगो के विपरित करना चाहिए , और तुम यदि प्रेम और करुणा का प्रतिक हो तो तुम्हे अपनी दया लोगो की भालइयो / अछइयो में लगाना चाहिए तो यह मै अपने तरीके से रोकता हूँ मेरे पास ऐसे कई तरीके है जो यह काम अच्छे से कर सकते है । "

हैरी = " और मैं यहाँ से जा रहा हूँ  ।"

चेहरा 1 = "नहीं, तुम यहाँ से नहीं जा सकते "

चेहरा 2 = "नहीं तुम यहाँ से नहीं जा सकते "

दोनों सहमत हो गए और यह विचार अन्मोदित हो गया 
और हैरी वह से चला गया  ।



The  Disclaimer
All stories are a work of fiction. The characters do not exist, except in the mind of the author. Any resemblance to persons, living or dead, is purely coincidental.