Thursday, 21 February 2013

once upon a time

बात कुछ महीने पहले की है 
मैंने सपना देखा की 

- मैं कश्मकश से  कही भटक रहा था 

तभी वहा पर कोई  आया उसने मुझसे पूछा क्यों परेशान हो 

मैंने कोई जवाब नहीं दिया 

और उसने कहा की आओ मै तुम्हे घूमा कर लाता हूँ 

तब उसने मेरा  हाथ जोर से पकड़ा और अपना हाथ उठा कर चुटकी बजाई 

मैं  देखता हु कि मेरे चारो तरफ बारिश हो रही है 

और आसमान का रंग लाल हो गया है 

मुझे यह जगह देखकर बहुत ही आश्चर्य हुआ मुझे इस जगह पर बिलकुल भी ख़ुशी नहीं हुयी (मन उदास था )

और वहा पर बारिश हो तो रही थी पैर मैं और मेरे साथ जो था  वो भीग नहीं रहे थे !

मैंने उससे पूछा - हम कहाँ है 

उसने जवाब दिया - कभी कभी हम जो देखते है वो जरुरी नहीं की वो सच हो, 
 और तुम्हारे आज से ,हम सौ साल पीछे है । 

मैंने कहा - यहाँ अच्छा नहीं लग रहा,

फिर उसने  हाथ पकड़ा और अपना  हाथ उठा कर चुटकी बजाई 

अब जगह बिलकुल बदल गयी थी अब हम एक शांत जगह थे 

वहा हवा चलने की आवाज़ आ रही थी 

उसने पूछा - कैसा लग रहा है 

मैंने जवाब दिया - पहले से अच्छा है 

अब उसने कहा - आओ मैं तुम्हे एक और जगह ले चलता हूँ 

फिर उसने  मेरा हाथ पकड़ा और अपना  हाथ उठा कर चुटकी बजाई

अब ऐसी जगह थी जो की एक विकसित शहर था ,  काफी अच्छे रोड बने हुए थे ऊँची - ऊँची इमारते थी  

अब मैंने पूछा - अब हम कहाँ है 

उसने कहा - हम तुम्हारे आज से बीस साल आगे है 

मै हैरान था ऐसी जगह मैंने कभी नहीं देखी थी 

उसने कहा - आओ मैं तुम्हे किसी से मिलाता हूँ 

और हम दोनों चलने लगे , कुछ दूर जाने पर  जहा अब हम पहुचे वो एक खाली पार्क था 

मैंने देखा कि वहा पार्क में कोई चल के आ रहा है 

अब वो हमारे पास आ गया था मैंने उससे हाथ मिलाकर अभिनंदन किया 

मैंने देखा की जो चल कर आया था उसने सफ़ेद टी शर्ट और उसके कुछ बात सफ़ेद हो रहे थे , 
उसके चहरे पर फ़्रेचकट  दाढ़ी थी और उसकी शक्ल कुछ कुछ मेरी जैसी थी 

जिसके साथ  मै आया था मैंने उससे पूछा - ये कौन है ,

उसने कहा - ये तुम हो बीस साल बाद वाले .

मैं बहुत ख़ुश हुआ और मैं उससे (बीस साल बाद वाले मैं) से बाते करने लगा   

उसने मुझे बहुत सारी बाते बताई जैसे की वो - कहाँ कहाँ घूम कर आया है और क्या क्या काम किया है  

मुझे बहुत ही ज्यादा ख़ुशी होने लगी थी बीस साल बाद वाला मैं  से मिलकर 


वो (बीस साल वाला मैं ) मुझे कुछ बताने ही वाला था की 

जिसके साथ मैं वह आया था  उसने बात काट दी 

और कहने लगा की - अभी सब मत बताओ 

फिर उसने मुझसे पूछा - क्या तुम इस शानदार भविष्य को खुद नहीं देखना चाहोगे 

उसने बीस साल वाले मैं को कहा की - अब हमें चलने चाहिए और इसको इस दिन के लिए थोडा इंतज़ार करने दो , 

अब उसने चुटकी बजाई और सब कुछ गायब हो गया बस हर जगह सफ़ेद रोशनी हो गयी थी 

अब उसने बोलना शुरू किया -
क्या तुम इस भविष्य मे आना नहीं चाहोगे 
क्या तुम उसको  (बीस साल बाद वाले मैं को )  खत्म करना चाहते हो 
क्या तुम अपने साथ , ना जाने कितने लोगो को कष्ट देना चाहते हो 

मेरे पास कोई ठोस जवाब नहीं था 

मैंने सिर्फ इतना कहा - नहीं 

मैंने उससे पूछा तुम कौन हो 

अब उसने चुटकी बजाई सब गायब 

ऐसा लग रहा था मैं पीछे की तरफ जा रहा हु  पीछे और पीछे 

अब मेरी नीद खुल गयी थी 

और आगे जो हुआ पता नहीं वो सपना था या सच ............

बाकि तो धीरे धीरे पता ही चल जायेगा .......
.......
.......

कभी कभी लगता है की माइंड फ्रेक / यानि कि आँखों का धोखा है 
पर सच क्या है शायद मैं नहीं जानता  

  

 

post

jab se aayi hai bhabhi ki sister
unhi main lage rahu unhi main busy rahu
subah sham hardum
karta hun bahut khatirdari
naam hai uska sonikumari

Hi-fi sunder hai ji dekh kar mann dole
lage hum paryas main baat bade hole
dil ko ghayal kare pero ki payal
bajati hai jab chum chum
Love ki laga hai bimari
hoo sonikumari

meethi meethi baato main
kali kali aakhiyo main dubey rahey sirf hum
haase to lage jaise dil kare dum dum
lagti hai bahut hi wo pyaari wo
sonikumari

Or koi rahta nahi hum hi dil behlaye
le ke market chowmein dosa khilau

socha raha hun de du goldchain
pasie bacha ke hum
humko ko diya hai ring kharib ke
size se thoda kam
lagti hai bahut hi wo pyaari wo
sonikumari

Nothing else




Dil se khayal naa jaye to kya karu.............
Koi itna yaad aaye to kya karu.................
Unse milne ki tammna to har pal hai ..........
Per wo pal hi naa aaye to kya karu............


WORD

Mere alfazon ko jhuth na samjhna,
yaad aati ho bahut milne ki dua karna,
jee raha hoon tumhara naam lekar,
mar jau to bewafa na samajhna.

Har raat 1 dhun gungunati hai,
har phool se mehak zarur ati hai,
apke man me beshak hamara khayal tak na ho,
par hame to har waqt aapki yaad aati hai…

Majboor mohabbat jata na sake,
Zakhm khate rahe kisi ko bata na sake..
Chahato ki had tak chaaha use.
Sirf apna Dil nikaal kar use dikha na sake..


Monday, 18 February 2013

All the World's a Stage

All the World's a Stage

All the world's a stage,
And all the men and women merely players;
They have their exits and their entrances,
And one man in his time plays many parts,
His acts being seven ages. At first, the infant,
Mewling and puking in the nurse's arms.
Then the whining schoolboy, with his satchel
And shining morning face, creeping like snail
Unwillingly to school. And then the lover,
Sighing like furnace, with a woeful ballad
Made to his mistress' eyebrow. Then a soldier,
Full of strange oaths and bearded like the pard,
Jealous in honor, sudden and quick in quarrel,
Seeking the bubble reputation
Even in the cannon's mouth. And then the justice,
In fair round belly with good capon lined,
With eyes severe and beard of formal cut,
Full of wise saws and modern instances;
And so he plays his part. The sixth age shifts
Into the lean and slippered pantaloon,
With spectacles on nose and pouch on side;
His youthful hose, well saved, a world too wide
For his shrunk shank, and his big manly voice,
Turning again toward childish treble, pipes
And whistles in his sound. Last scene of all,
That ends this strange eventful history,
Is second childishness and mere oblivion,
Sans teeth, sans eyes, sans taste, sans everything.

Monday, 4 February 2013

story

चरित्र
1. लक्ष्य (शत्रुदेश का राजा )
2. मक्षय ( अन्नदेश के सेनापति )
3. युवराज (अन्नदेश के राजकुमार)
4. गौरी (युवराज की बहन )
5.कंचन (युवराज की दोस्त )


लक्ष्य का सेनापति - अन्नदेश वासियों , हमारे महाराज लक्ष्य अभी पहुचने वाले है वो अन्नदेश के राजा  को पराजित करके, उपहार स्वरुप तुम्हारा राज्य लेंगे !

(और लक्ष्य युध् क्षेत्र  मे आ जाता है),

लक्ष्य का सेनापति = "मालिक आपका स्वागत है !"
लक्ष्य = "मै अन्नदेश के राजा  को खुली चुनोती देता हूँ, आज फैसला हो जायेगा कि तुम्हारा मालिक कौन होगा! मै 1 दिन का समय देता हु , या तो मुझसे युद्ध करो या बिना युद्ध किये अपना राज्य मुझे सोप दें !

सेनापति मक्षय ,यह देख बहुत चिंतित हो जाते है वो अपने सैनिको के साथ युद्ध क्षेत्र मे पहुचते है

 (अन्नदेश के राजकुमार , गौरी और कंचन के साथ राज्य से बाहर गए होते है उन्हें सुचनासेवक के माध्यम से अन्नदेश पर हमले की बात का पता चलता है वो तीनो तुरंत  अन्नदेश के और निकल पड़ते है ।
रास्ते मे गौरी और कंचन , राजकुमार को समझाते है)

गौरी और कंचन = मित्र हम लक्ष्य पर यू ही विजय प्राप्त नहीं कर सकते । क्यों ना पडोसी मित्र राज्यों से मदद ले ली जाये ?, और जब कल तक का समय दिया ही गया  है ।
 युवराज= नहीं , कल तक का समय नहीं है  मुझे आज ही उसको हराना होगा ।

( और राजकुमार अकेले ही  युद्ध क्षेत्र  की तरफ निकल पड़ता है । गौरी और कंचन पडोसी राज्यों से मदद के लिए निकल पड़ते है )

सेनापति मक्षय और लक्ष्य, के बीच युद्ध होने लगता है  सेनापति को बड़ी ही आसानी से पराजीत कर देता है ।

और शाम होने लगती है


शाम  होते होते राजकुमार युद्ध क्षेत्र मे पहुचते है और अपने  सेनापति से मिलते है । सेनापति राजकुमार को समझाते है

सेनापति = तुम अभी बच्चे हो , युद्ध क्षत्रियो की जिम्मेदारी है तो मैंने फैसला किया है कि युद्ध मै करूँगा

राजकुमार सेनापति जी को आश्वासन देता है

राजकुमार = "ठीक है  मै उसको उलझाये रखूँगा जब तक मेरे दोस्त मदद ले कर नहीं आ जाते "


और अगले दिन लक्ष्य से युद्ध करने राजकुमार अपने रथ पर सवार, सभी साजोसामान के साथ युद्ध क्षेत्र पहुचता है ।

और सुबह के समय से ही दोनों पक्षों मैं  बहुत ही घमासान युद्ध होने लगता है ।

दोनों पक्षों की तरफ से तीरों की बारिश होने लगी , तीरों ने पुरे आसमान को ढक लिया था ऐसा प्रतीत हो रहा था कि दिन मे  ही रात हो गयी हो .

राजकुमार और लक्ष्य आमने सामने आ जाते है ।

राजकुमार = " कैसे हो ? मुझे आपको जल्दी से हराना है और शाम को नदी के पास अपने दोस्तों से मिलने जाना है।। तो लड़ाई शुरू करे "

लक्ष्य =" बेशक ! मुझे भी बहुत जल्दी है तुम्हे हराने के बाद मै तुम्हारा ताज ख़ुशी से पहनुगा "
 (राजकुमार बाणों से लक्ष्य के रथ के पहिये जाम कर देता है ।)

 राजकुमार = " ओओह तुम तो सुबह - सुबह जम गए :) "

 लक्ष्य (गुस्से मे ) = " उड़ा लो मेरा मजाक पर इससे मेरी जीत का मज़ा दुगना हो जायेगा "

( लक्ष्य रथ के पहिये पर लगे बाणों को तलवार से काट देता है और तलवार को राजकुमार की तरफ फैकता है , राजकुमार का सारथि राजकुमार के आगे आ जाता है और तलवार सारथि को लग जाती है , सारथि घायल हो जाता है ।  )

अब दोनों मे तीरों से युद्ध होने लगता है राजकुमार एक बाण चलाता  वो  एक बाण आगे जाकर दस  बाण बन जाते । पर  लक्ष्य पूरी तयारी के साथ आया था उसके पास राजकुमार के हर परहार का जवाब था ।

ऐसा लग रहा था की आज तो राजकुमार हार जायेंगे  । लक्ष्य बहुत खुश था जैसे उसको पता चल गया हो की उसकी विजय आज तय है ।

लक्ष्य , राजकुमार पर लगातार हमला कर रहा था  ।

अब  राजकुमार के पास अंतिम धनुष बचा था , राजकुमार सबर के साथ युद्ध कर रहा था

लक्ष्य ने अब राजकुमार का अंतिम धनुष भी तोड़ दिया ।

 लक्ष्य="हार मानते हो , हो सके तो मै तुम्हारी मौत आसान कर दू"

राजकुमार= " तुम्हे थोडा और इंतज़ार करना चाहिए , वो देखो ...."

(अब गौरी और कंचन पडोसी राज्यों से मदद लिए युद्ध क्षेत्र मे पहुचते है राजकुमार  गौरी और कंचन को देख कर बहुत खुश होता है ।

राजकुमार (लक्ष्य से ) = अब तुम्हारा सामना होने जा रहा है मेरे दोस्तों से ....

लक्ष्य (गौरी और कंचन से ) = तुम्हे अभी बीच मैं आना जरुरी है क्या ??

गौरी और कंचन से (मुस्कुराते हुए ) = " लगता तो है "

 कंचन , राजकुमार को  एक नया धनुष प्रदान करता है ।

( लक्ष्य बड़ी तेज़ी से वार करता हुआ आगे बढता है और राजकुमार का ये धनुष भी तोड़ देता है
अब राजकुमार का रथ भी टूट जाता है , पुरे मैदान में धुल ही धुल हो जाती है । अब सभी लोग दुखी हो जाते है क्योकि उस धुल के गुबार मे से राजकुमार को देख पाना नामुमकिन था कुछ ही देर मे राजकुमार के रथ के टूट चुके अवशेष , और राजकुमार के अस्त्र - सस्त्र बाहर आ रहे थे सभी को लगने लगा की राजकुमार मारे गए ।


कुछ ही देर मे राजकुमार और लक्ष्य  , तलवार युद्ध करते हुए धुल से बाहर दिखाई देने लगे )

राजकुमार (लक्ष्य से )=  तलवारबाजी मे  मेरी अच्छी पकड़ है तुम हार मान जाओ ....
लक्ष्य = "बिलकुल नहीं "
(राजकुमार लडते हुए लक्ष्य की तलवार गिरा देता है  और उसे बंदी बना लेता है , इसप्रकार राजकुमार विजय हो जाता है )

राजकुमार , गौरी और कंचन के पास आता है और बोलता है
"मेरा रथ और धनुष दोनों ही टूट गए है पर हमारी दोस्ती अभी भी है ना ",

(और अपना हाथ आगे करता है )
गौरी और कंचन = "हमेशा से !"